क्या आप जानते हैं कि दिल का दौरा पड़ने पर पहले एक घंटे को गोल्डन ऑवर माना जाता है? इसी गोल्डन ऑवर में हम मरीज की जान बचा सकते है? कभी कभी ambulance या मेडिकल सुविधा किसी कारण जल्द उपलब्ध नहीं होती। ऐसे समय में हमे पता होना चाहिए कि CPR क्या है इसे कैसे करे ताकि मरीज की जान बचाई जा सके। आइए हम CPR Method के बारे में जानते है।
CPR क्या है ?
CPR का मतलब Cardiopulmonary Resuscitation (रिससिएशन कार्डियोपल्मोनरी ) यह एक प्राथमिक चिकित्सा है। जब कोई सांस लेने में असमर्थ हो जाए , बेहोश जो जाए , या Heart Attach आ जाए तब सबसे पहले और समय पर CPR से ही आप किसी की भी जान बचा सकते है। इसे संजीवनी क्रिया भी कहते है। जब कभी किसे बिजली का झटका लग जाए , Heart Attack , दम घुटने पर , या पानी में डूबने पर , कई बार हमे CPR से मदद मिले सकती है।
सबसे पहले क्या करे ?
यदि मरीज को दिल का दौर पड़ा है तो आप घबराए नहीं और पूरा धैर्य रखे।
सबसे पहले Ambulance को कॉल करे और Hospital को सूचित करे की आप हार्ट अटैक के मरीज को लेकर आने वाले है।
मरीज को आराम से बिठाये। और उसे Relax करे।
मरीज के कपड़ो को ढीला कर दे।
अगर मरीज को पहले से ही Heart की समस्या है और वो कोई दवाएं लेता हो , तो पहले उसे वो दावा दे।
यदि मरीज को होश नहीं आ रहा हो तो उसे जमीन पर लेटा दे। दिल की धड़कने बंद हो गयी हो या साँस नहीं चल रही हो तो CPR (Cardiopulmonary Resuscitation ) प्रक्रिया अपनाए।
CPR कैसे करे ?
सबसे पहले मरीज को किसी ठोस जगह पर लिटा दे और आप उसके पास घुटनो के बल बैठ जाए।
उसकी नाक और गाला चेक करे कही कुछ अटक तो नहीं गया है ? स्वासनलिका बेहोश अवस्था में सिकुट सकती है। उसके मुह में ऊँगली डाल कर चेक करे कुछ अटक तो नहीं है।
सीपीआर की दो प्रकियाएं है। हतेली से छाती पर दबाव डालना और मुह से कृत्रिम सांस देना।
पेशंट के सीने के बीचोबीच हथेली रखकर पंपिंग करते हुए दबाए । एक से दो बार ऐसा करने से धड़कने फिर से शुरू हो जाएगी।
पम्पिंग करते वक़्त दूसरे हाथ को पहले हाथ के ऊपर रख कर उंगलियो से बांध ले अपने हाथ और कोहनी को सीधा रखे।
अगर पम्पिंग करते वक़्त धड़कने शुरू नहीं हो रही तो पम्पिंग के साथ मरीज को कृत्रिम सांस देने की कोशिस करे।
हथेली से छाती को 1 -2 इंच दबाए ऐसा प्रति मिनट में 100 बार करे।
30 बार छाती पर दबाव बनाए और दो बार कृत्रिम साँस दे।
छाती पर दबाव और कृतिम साँस देने का Ratio 30 :02 का होना चाहिए।
कैसे दे कृत्रिम सांस ?
मरीज की नाक को दो उंगलियो से दबाकर मुह से साँस दे। नाक बंद होगी तो मुंह से की गई सांस फेफड़ो तक पहुचती है।
लंबी साँस लेकर मरीज के मुह से मुह चिपकाए और धीर धीरे साँस छोड़े।
ऐसा करने से मरीज से फेफड़ो में हवा भर जाएगी।
जब आप कृत्रिम साँस दे रहे हो तो ध्यान रखे की मरीज की छाती ऊपर निचे हो राही है या नहीं
जब मरीज ख़ुद से साँस लेने लगे , तब ये प्रकिया रोक दे।
क्या न करे ?
मरीज को अकेला बिल्कुल न छोडे।
Heart Attack के लक्षण आने पर इंतेजार करने में समय बर्बाद न करे।
proscribed मेडिसिन के आलावा मरीज को दूसरी कोई दावा न दे।
उम्मीद करता हूँ दोस्तों यह पोस्ट आप के जरूर काम आएगी। और आप भी किसी की वक़्त पर Help कर के मरीज़ की life बचा पायेंगे।
धन्यवाद..
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